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Orcha Ram Mandir I ओरछा का मंदिर I ओरछा में घूमने की जगह I

ओरछा :

भारत का सांस्कृतिक धरोहर, ओरछा, मध्य प्रदेश का एक शानदार समृद्ध नगर है। यह मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में स्थित है।ओरछा मध्यप्रदेश के बुन्देलखण्ड सम्भाग में बेतवा नदी के किनारे स्थित है। निवाड़ी नगर से लगभग 27 किलोमीटर दूर ओरछा नगर स्थित है। इस नगर से 15 किलोमीटर दूरी पर झाँसी स्थित है।

इसकी शानदार ऐतिहासिक विरासत और प्राचीन स्थलों के साथ-साथ  Orcha Ram Mandir  भी इसकी अद्वितीयता को बखूबी दर्शाते हैं। इन मंदिरों का इतिहास, महत्व और उनकी सुंदरता को समझना महत्वपूर्ण है।

इस ब्लॉग पोस्ट में, हम ओरछा के मंदिरों के इतिहास, महत्व, और इन्हें देखने योग्य स्थानों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

ओरछा के मंदिर (Orcha Ram Mandir):

1. इतिहास: ओरछा के मंदिर भारतीय संस्कृति और कला का अद्भुत उदाहरण हैं। यहाँ के मंदिर 16वीं और 17वीं सदी में निर्मित किए गए थे। इन मंदिरों का निर्माण ओरछा के भूपति राजाओं ने करवाया था। इन मंदिरों का निर्माण स्थानीय शिल्पकला के माध्यम से किया गया था और इनकी शैली में मुगल और हिन्दू संस्कृति का मिश्रण दिखता है।

2. महत्व: ओरछा के मंदिर भारतीय सांस्कृतिक विरासत के अहम हिस्से में शामिल हैं। ये मंदिर धार्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और इनके भावुक भक्त और पर्यटक यहाँ पर आते हैं और उनकी भक्ति और आदर्शों को महसूस करते हैं।

3. प्रमुख मंदिर:

  • राजा राम मंदिर(Orcha Ram Mandir): यह मंदिर ओरछा का प्रमुख मंदिर है जो मुगल स्थापत्य की शैली में बना है। इस मंदिर के भगवान राम की मूर्ति अत्यंत सुंदरता और शांति की भावना को प्रकट करती है।Orcha Ram Mandir

 

 

 

 

 

 

 

  • चतुर्भुज मंदिर: यह मंदिर भी ओरछा के प्रमुख मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की विशेषता उसके चारों ओर के मनमोहक नजारे हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।Orcha Ram Mandir

 

 

 

 

 

 

 

 

Orcha Ram Mandir

  • छतरियों बेतवा नदी के तट पर स्थित छतरियाँ ओरछा के महाराजाओं की कब्रें हैं, जो ओरछा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अतीत की भव्यता का प्रतीक भी हैं। इस स्थान पर 14 छतरियाँ स्थित हैं जिनका निर्माण बुन्देलखण्ड के राजाओं के सम्मान में किया गया था।

 

 

 

 

 

 

 

4. भ्रमणीय स्थान: ओरछा में कई और भी भ्रमणीय स्थान हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बुंदेलखंड का एक नक्शेपार स्थल होने के नाते, यहाँ के दर्शनीय स्थलों में राजमहल, जहांगीर महल, और चतुर्भुज गढ़ शामिल हैं। इन स्थलों पर आने वाले पर्यटक ओरछा के समृद्ध ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को अध्ययन करते हैं और इसका आनंद लेते हैं।

मुख्य आकर्षण:

ओरछा किला, मध्य प्रदेश के ओरछा नगर में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है। इस किले का निर्माण बुंदेलखंड के बुंदेला राजवंश के राजा रुद्र प्रताप द्वितीय ने 16वीं सदी में कराया था। ओरछा किला भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहर और शौर्य का प्रतीक है।

किले का निर्माण: ओरछा किला ने समय के साथ कई परिवर्तनों का सामना किया है, लेकिन इसकी भव्यता और महत्व अब भी साकार है। यह किला चंदेल शैली में बनाया गया है और इसमें विभिन्न मंदिर, महल, और समाधियाँ शामिल हैं।

मुख्य आकर्षण:

राजमहल: ओरछा किले का सबसे प्रमुख आकर्षण राजमहल है। यह भव्य महल अद्वितीय शैली और विशालकाय संरचना के लिए प्रसिद्ध है। इसमें अद्वितीय आकृति, अद्भुत नक्काशी और सुंदर गोपुर शामिल हैं।Orcha Ram Mandir

 

 

 

 

 

 

 

जहांगीर महल: ओरछा किले में जहांगीर महल भी एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह महल मुघल शैली में बनाया गया है और उसकी संरचना और नक्काशी बेहद आकर्षक है।

Orcha Ram Mandir

 

 

 

 

 

 

 

 

 

ऐतिहासिक महत्व: ओरछा किले का ऐतिहासिक महत्व भारतीय इतिहास के आधिकारिक दस्तावेजों में भी प्रकट है। यह किला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है।

 

पर्यटन स्थल: ओरछा किला अपनी सुंदरता, महत्व, और ऐतिहासिक महत्व के लिए पर्यटकों का आकर्षण बना रहता है। यहाँ के ऐतिहासिक स्थल, रूचिकर नक्काशी, और शांतिपूर्ण वातावरण व्यक्तिगत और धार्मिक आत्मा को भाते हैं।

Orcha Ram Mandir

ओरछा किला भारतीय संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत का अमूल्य भंडार है। इसकी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व ने उसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है, जो पर्यटकों को अपनी भूली-बिसरी धारोहर का अनुभव कराता है।

ओरछा अभयारण्य

बेतवा नदी से लगे 44.910 वर्ग किलोमीटर में फैले अभयारण्य में कई जंगली जानवर विचरण करते हैं। वर्तमान में ओरछा अभ्यारण्य में सांभर, नीलगाय, जंगली सुअर, चीतल-चिंकारा के साथ बड़ी संख्या में बंदर और अन्य जानवर हैं। ओरछा पहुंचने के बाद पर्यटक जंगल सफारी और बेतवा नदी में राफ्टिंग का लुत्फ उठाते हैं। वन विभाग ने पर्यटकों की सुविधा के लिए जंगल क्षेत्र में साइकिल ट्रेक और पैदल चलने के अलग-अलग ट्रेक तैयार किए हैं।

5. निष्कर्ष: ओरछा के मंदिर भारतीय संस्कृति के श्रेष्ठ उदाहरणों में से एक हैं। इनकी सुंदरता, महत्व, और ऐतिहासिक प्राचीनता ने उन्हें एक प्रमुख पर्यटन स्थल बना दिया है। यहाँ के मंदिरों की अद्वितीयता और शांतिपूर्ण वातावरण ने इसे एक मनोहारी और आत्मीय अनुभव का स्थान बना दिया है।

6. बेतवा नदी :

Orcha Ram Mandir
ओरछा में घूमने की जगह – बेतवा नदी

इस प्रकार, ओरछा के मंदिर भारतीय सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत के महत्वपूर्ण हिस्से हैं जो प्राचीनता, सांस्कृतिक धरोहर, और धार्मिक भावनाओं को समर्पित हैं। इन मंदिरों का दौरा करना और इनके प्राचीनता का आनंद लेना एक अनुपम अनुभव होता है जो हर पर्यटक को यादगार बनता है।

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कैसे पहुंचे ओरछा :

हवाई मार्ग- ओरछा मंदिर निवाड़ी से निकटतम हवाई अड्डा खजुराहो हवाई अड्डा है जो इस मंदिर से 163 किमी की दूरी पर है।

-ओरछा के निकटतम हवाई अड्डे ग्वालियर हवाई अड्डा (113 किलोमीटर) और खजुराहो हवाई अड्डा (155 किलोमीटर) हैं।

ट्रेन द्वारा- ओरछा से निकटतम रेलवे जंक्शन झांसी है, जो 16 किलोमीटर दूर है। हालांकि ओरछा अपने आप में एक रेलवे स्टेशन है।

सड़क मार्ग- ओरछा झांसी, ग्वालियर और खजुराहो जैसी जगहों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।  इसलिए आप देश के किसी भी हिस्से से अपने वाहन या किसी सार्वजनिक बस या टैक्सी द्वारा इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

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