खजुराहो, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और प्रसिद्ध शहर है जो अपनी शिल्पकला और मनमोहक मंदिरों के लिए विख्यात है। यहाँ के मंदिरों की विशेषता और उनके अनूठे शैली के कारण खजुराहो पूरे विश्व में लोकप्रिय है। खजुराहो मध्य प्रदेश में बुन्देलखण्ड नामक क्षेत्र में स्थित है। यह स्थान अब अपने खूबसूरत मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है
खजुराहो के मंदिर( khajuraho tample): खजुराहो में लगभग 20 से अधिक हिन्दू और जैन मंदिर हैं जो आधुनिक समय से पूर्व के 10वीं और 12वीं सदी में बने थे। ये मंदिर विभिन्न शिवलिंग, विष्णु और जैन तीर्थंकरों को समर्पित हैं।
मंदिरों की विशेषता: खजुराहो के मंदिरों ( khajuraho tample) की विशेषता उनके शैली, संरचना और सुंदरता में है। ये मंदिर खूबसूरत कलात्मक नक्काशी और अद्वितीय संरचना के लिए प्रसिद्ध हैं।
ऐतिहासिक महत्व: खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल राजवंश के शासकों द्वारा किया गया था। ये मंदिर उनकी समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक हैं।
शिल्पकला का केंद्र: खजुराहो के मंदिरों में शिल्पकला का अद्भुत संगम है। यहाँ की नक्काशी और मूर्ति कला दुनिया भर में लोकप्रिय हैं।
पर्यटन का केंद्र: खजुराहो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो विभिन्न देशों से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहाँ के मंदिर, शिल्पकला, और प्राचीन इतिहास ने इसे एक विशेष स्थान बना दिया है।
सांस्कृतिक धरोहर: खजुराहो का मंदिर संस्कृति और शिल्पकला का एक महत्वपूर्ण भंडार है। यहाँ की सांस्कृतिक विरासत भारतीय और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती है।
खजुराहों का इतिहास
खजुराहो का इतिहास भारतीय सांस्कृतिक विरासत के एक महत्वपूर्ण अंग के रूप में जाना जाता है। यहाँ के मंदिरों की सुंदरता, शिल्पकला, और साहसिकता ने इसे विश्व स्तरीय प्रसिद्धि प्राप्त कराई है। खजुराहो का नाम खजुराहो इसलिए पड़ा क्योंकि यहां पर खजूर का विशाल बगीचा था।
1. निर्माण काल: खजुराहो में स्थित मंदिरों का निर्माण 10वीं और 12वीं सदी के बीच किया गया था। इस समय के दौरान, चंदेल राजवंश के शासकों ने इन मंदिरों की निर्माण कराई थी।
2. चंदेल राजवंश: चंदेल राजवंश ने मध्य प्रदेश के क्षेत्र में 10वीं से 12वीं सदी के बीच शासन किया था। इस अवधि में उन्होंने खजुराहो में कई मंदिर बनवाए जो आज भी विश्व स्तरीय धार्मिक स्थल के रूप में महत्वपूर्ण हैं।
3. शिल्पकला का संग्रहालय: खजुराहो के मंदिरों में सुंदर शिल्पकला का संग्रह है। इन मंदिरों की विशेषता उनके अद्वितीय और चमत्कारी शिल्पकला में है। यहाँ की मूर्तियाँ, आकृतियाँ, और नक्काशी दुनिया भर में लोकप्रिय हैं।
4. विश्व स्तरीय प्रसिद्धि: खजुराहो के मंदिर और उनकी अनूठी शिल्पकला ने इसे विश्व स्तरीय प्रसिद्धि प्राप्त कराई है। यहाँ की संग्रहित सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर भारत की धरोहर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
5. प्रेम कला: खजुराहो के मंदिरों( khajuraho tample) में दिखाई गई मूर्तियों की सबसे अद्भुत विशेषता यह है कि यहाँ पर लॉव मेकिंग, कामसूत्र, और अन्य प्रेम कला की चित्रित मूर्तियाँ मौजूद हैं।
खजुराहो का इतिहास उसकी समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रमुख अंग है। यहाँ की शिल्पकला, वास्तुकला, और साहसिकता ने इसे विश्व स्तरीय प्रसिद्धि दिलाई है।
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खजुराहो के मंदिर का निर्माण क्यों करवाया गया था?
इन मंदिरों का निर्माण धार्मिक उद्देश्यों के अलावा राजनीतिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए भी किया गया था। चंदेल राजवंश के शासक ने अपनी शक्ति, सामर्थ्य और साहस का प्रदर्शन करने के लिए भी इन मंदिरों का निर्माण कराया था।
इन मंदिरों का निर्माण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में भी किया गया था ताकि लोग वहाँ ध्यान और पूजा करने आ सकें और अपने धार्मिक आदर्शों को अभिव्यक्त कर सकें। इसके अलावा, ये मंदिर चंदेल साम्राज्य की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा को भी प्रतिष्ठित करने का माध्यम बने।
खजुराहो के मंदिरों का निर्माण किसी विशेष धार्मिक संघटन या संत के निर्देशन में नहीं हुआ था। यहाँ के मंदिरों का निर्माण चंदेल राजवंश के राजाओं की शक्ति, सामर्थ्य, और साहस का परिणाम था जो उन्होंने अपनी सांस्कृतिक प्रतिष्ठा को दर्शाने के लिए किया।
इसके अलावा, यहाँ की नक्काशियाँ हिंदू धर्म के जीवन के चार लक्ष्यों अर्थात, धर्म, काम, अर्थ, और मोक्ष, को दर्शाती हैं। चंदेलों द्वारा निर्मित स्मारक अपने स्थापत्य और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध थे।
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खजुराहो मंदिर का रहस्य?
The Khajuraho Temple, also known as खजुराहो का रहस्य क्या है?
हालांकि मंदिर निर्माण के पीछे कई इतिहासकारों के अलग-अलग मत हैं, लेकिन मंदिर के बाहर कामुक कलाकृतियां काम कला एवं मोक्ष को दर्शाती है.
अपने समय मे चंद्रवर्मन एक प्रभावशाली राजा माना गया. चंद्रवर्मन की माता हेमवती ने उसके स्वप्न में दर्शन दिए और ऐसे मंदिरों के निर्माण के लिए कहा, जो समाज को ऐसा संदेश दें जिससे समाज मे कामेच्छा को भी जीवन के अन्य पहलुओं के समान अनिवार्य समझा जाए और कामेच्छा को पूरा करने वाला व्यक्ति कभी दोषी न हो.
विश्व धरोहर के रुप में घोषित इस मंदिर की मूर्तियों के अलावा मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल किये गए पत्थरों के लिए भी विख्यात है. यहाँ ज्यादातर मंदिर बलुआ पत्थर एवं ग्रेनाइट से बने हुए हैं, इन पत्थरों की खासियत होती है कि जैसे ही इन पर शाम के समय सूरज की मंद रोशनी पड़ती है तो यह सोने की तरह चमक उठते है. यही वजह है कि खजुराहो के ज्यादातर मंदिर शाम ढलते ही सोने की तरह चमकते हुए दिखाई देने लगते हैं. खजुराहो के मंदिर (khajuraho tample)और उनकी अनूठी शिल्पकला ने इसे विश्वभर में प्रसिद्ध बना दिया है। यहाँ का समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत इसे भारतीय पर्यटन का एक महत्वपूर्ण स्थल बनाता है।
खजुराहो(khajuraho tample) कैसे पहुंचें ?
हवाईजहाज द्वारा
सबसे निकटतम खजुराहो एयरपोर्ट है।
ट्रेन द्वारा
सबसे नजदीक में खजुराहो रेलवे स्टेशन है।
सड़क के द्वारा
सड़क मार्ग से खजुराहो आना चाहते हैं तो झांसी और पन्ना से खजुराहो के लिए बस आराम से मिल जाएगी।